31 जुलाई 2025 का पंचांग

31 जुलाई 2025 पंचांग: श्रावण शुक्ल सप्तमी, चित्रा नक्षत्र और शुभ योग का संयोग

31 जुलाई 2025 का पंचांग
31 जुलाई 2025 का पंचांग

जानें 31 जुलाई 2025 का पंचांग

31 जुलाई 2025 का पंचांग, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को प्रातः 04:58 बजे तक रहेगी, जिसके बाद अष्टमी तिथि का आरंभ होगा। यह दिन विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर तथा शक संवत 1947 (विश्वावसु नाम संवत्सर) के अंतर्गत आता है।

आज का नक्षत्र चित्रा, रात्रि 12:41 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके पश्चात स्वाति नक्षत्र आरंभ होगा, जो चंचलता और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है। सुबह 04:31 बजे तक साध्य योग रहेगा और फिर दिनभर शुभ योग का प्रभाव रहेगा, जो किसी भी मांगलिक कार्य के लिए अत्यंत अनुकूल होता है।

करणों की स्थिति इस प्रकार है — दोपहर 03:48 बजे तक गर करण, उसके बाद वणिज करण, और फिर विष्टि करण का प्रभाव रहेगा। ये करण दिन की शुभता और कार्यों की गुणवत्ता निर्धारित करते हैं।

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राहुकाल दोपहर 02:11 बजे से 03:49 बजे तक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान कोई भी नया या महत्त्वपूर्ण कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए।

चंद्रमा सुबह 11:15 बजे तक कन्या राशि में संचार करेगा, इसके बाद वह तुला राशि में प्रवेश करेगा। यह राशि परिवर्तन मानसिक संतुलन, कलात्मकता और कूटनीतिक दृष्टिकोण को प्रबल करता है।


🕉️ 31 जुलाई 2025 का विस्तृत पंचांग (गुरुवार)

विवरणजानकारी
दिनगुरुवार
माहश्रावण मास (शुक्ल पक्ष)
तिथिशुक्ल सप्तमी (04:58 AM तक), तत्पश्चात अष्टमी
विक्रम संवत2082 (कालयुक्त)
शक संवत1947 (विश्वावसु)
ऋतुवर्षा ऋतु
सूर्योदय06:01 AM
सूर्यास्त07:04 PM

🌙 चंद्रमा की स्थिति

  • चंद्र राशि: कन्या (11:15 AM तक), तत्पश्चात तुला राशि
  • नक्षत्र: चित्रा (12:41 AM तक), तत्पश्चात स्वाति नक्षत्र

🔯 योग और करण

  • योग: साध्य योग (04:31 AM तक), तत्पश्चात शुभ योग
  • करण: गर (03:48 PM तक), फिर वणिज और विष्टि करण

🚫 राहुकाल और अशुभ समय

  • राहुकाल: 02:12 PM – 03:50 PM
  • यमगंड काल: 06:01 AM – 07:39 AM
  • गुलिक काल: 09:17 AM – 10:55 AM
  • दुर्मुहूर्त: 10:58 AM – 11:51 AM
  • वर्ज्य काल: 09:17 PM – 10:58 PM

✅ शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:25 AM – 05:12 AM
  • अमृत काल: 01:34 AM – 03:15 AM (1 अगस्त की रात्रि)
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: उपलब्ध नहीं
  • अभिजीत मुहूर्त: इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है

🌟 दिन का विशेष महत्व

31 जुलाई को श्रावण शुक्ल सप्तमी है, जो सूर्य देवता की उपासना के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन सूर्य अर्घ्य, संकल्प, व्रत एवं मानसिक शक्ति को बल देने वाली साधनाएँ की जाती हैं। तुला राशि में चंद्रमा का प्रवेश न्यायप्रियता और सौंदर्य के प्रति आकर्षण को दर्शाता है। साध्य योग संकल्पों को पूरा करने में सहायक माना गया है।


✨ निष्कर्ष

31 जुलाई का दिन ध्यान, साधना और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अत्यंत उपयुक्त है। यदि आप किसी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त या अमृत काल श्रेष्ठ रहेगा। राहुकाल और वर्ज्य काल में शुभ कार्यों से परहेज करें। मानसिक स्थिरता और संतुलन के लिए तुला चंद्रमा विशेष सकारात्मक प्रभाव लाता है।


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