10 अगस्त 2025 का पंचांग

10 अगस्त 2025 पंचांग: प्रतिपदा तिथि, शतभिषा नक्षत्र, अतिगण्ड योग और कुंभ चंद्रमा

10 अगस्त 2025 का पंचांग
8 अगस्त 2025 का पंचांग

जानें 10 अगस्त 2025 का पंचांग

10 अगस्त 2025, रविवार का दिन भाद्रपद कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ आरंभ होता है, जो दोपहर 12:10 बजे तक रहेगी। इसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र धनिष्ठा दोपहर 01:52 बजे तक है, तत्पश्चात शतभिषा नक्षत्र प्रभाव में रहेगा। आधी रात तक शोभन योग रहेगा, उसके पश्चात अतिगण्ड योग प्रारंभ होगा। करण में पहले कौलव, फिर तैतिल, और अंत में गर करण आता है। चंद्रमा आज पूरे दिन कुंभ राशि में संचार करेगा, जिससे मानसिक स्पष्टता और सामाजिक विचारों में रुचि बढ़ सकती है। आज का राहुकाल शाम 05:22 से 06:59 बजे तक रहेगा, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। रविवार का यह दिन ध्यान, आत्मचिंतन और परिवार के साथ समय बिताने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।


10 अगस्त 2025 का विस्तृत पंचांग (रविवार)

विवरणजानकारी
दिनरविवार
माहभाद्रपद मास (कृष्ण पक्ष)
तिथिकृष्ण पक्ष प्रतिपदा   – Aug 09 01:24 PM – Aug 10 12:10 PM
कृष्ण पक्ष द्वितीया   – Aug 10 12:10 PM – Aug 11 10:34 AM
विक्रम संवत2082 (कालयुक्त)
शक संवत1947 (विश्वावसु)
ऋतुवर्षा ऋतु
सूर्योदय05:48 AM (स्थानानुसार अंतर संभव)
सूर्यास्त07:05 PM (स्थानानुसार अंतर संभव)

चंद्रमा की स्थिति

  • चंद्र राशि: कुंभ राशि में संचार
  • नक्षत्र:
    • धनिष्ठा – दोपहर 01:52 PM तक
    • तत्पश्चात शतभिषा नक्षत्र

योग और करण

  • योग:
    • शोभन – 12:02 AM तक
    • तत्पश्चात अतिगण्ड योग
  • करण:
    • कौलव – दोपहर 12:10 PM तक
    • तत्पश्चात तैतिल – रात्रि 11:24 PM तक
    • फिर गर करण प्रारंभ

राहुकाल और अशुभ समय

  • राहुकाल: 05:22 PM – 06:59 PM
  • यमगंड काल: 12:26 PM – 02:03 PM
  • गुलिक काल: 03:41 PM – 05:18 PM
  • दुर्मुहूर्त: 05:48 AM – 06:42 AM
  • वर्ज्य काल: कोई नहीं

शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:14 AM – 05:02 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 12:08 PM – 01:01 PM
  • अमृत काल: 11:10 AM – 12:45 PM (उदाहरणार्थ)
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: शतभिषा में देर शाम संभव

दिन का विशेष महत्व

10 अगस्त 2025, रविवार को भाद्रपद मास का आरंभ हो चुका है और कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि दिन में समाप्त होकर द्वितीया प्रारंभ हो जाती है। यह समय नए अध्याय, तपस्या और आत्मचिंतन के लिए आदर्श माना गया है।

कुंभ राशि में चंद्रमा, शतभिषा नक्षत्र, और अतिगण्ड योग – ये तीनों मिलकर दिन को मानसिक स्पष्टता, स्वतंत्र विचार और आध्यात्मिक गहराई के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

Blog Banner

राहुकाल के समय शुभ कार्यों से परहेज करें। शेष समय में पूजा-पाठ, ध्यान और परिवार के साथ समय बिताना लाभदायक रहेगा।


Blog Banner

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Comment

Name

Home Shop Cart Account
Surprise For You ×
×

🎁 Reveal Your Special Surprise!

Sign Up to Instantly Claim Your Surprise!

🇮🇳

By signing up, you agree to receive promotional messages.

×

🎁 Surprise! Your Welcome Gift Code is Here!

SURPRISE50

We value your trust. Enjoy exclusive savings on your first purchase with Kharidle. Applicable only on online payments

× 🌍 We ship internationally!
Prices shown are for India only.

For international orders,
please contact us on WhatsApp. Message on WhatsApp
Shopping Cart (0)

No products in the cart. No products in the cart.